तुमने मेरी नींद चुराई लूट लिया मेरा चैन 

तुम बिन साजन तरस गए हैं मेरे प्यासे नैन

 

उजड़ गई ये मन की नगरी

छलक रही नैनों की गगरी 

बीती जाए सारी उमरिया

मन व्याकुल बेचैन 

तुम बिन साजन तरस गए हैं मेरे प्यासे नैन

तुमने मेरी नींद चुराई लूट लिया मेरा चैन 

तुम बिन साजन तरस गए हैं मेरे प्यासे नैन

 

आस अधूरी छूट न जाए

सांसों की डोरी टूट न जाए 

विरहन की कब लोगे खबरिया

तड़प रही दिन रैन 

तुम बिन साजन तरस गए हैं मेरे प्यासे नैन

तुमने मेरी नींद चुराई लूट लिया मेरा चैन 

तुम बिन साजन तरस गए हैं मेरे प्यासे नैन

 

राह निहारत मन का दर्पण

हो जाए खामोश ना धड़कन 

मेरे सांवरिया तेरी डगरिया

खोज रहे ये नैन

तुम बिन साजन तरस गए हैं मेरे प्यासे नैन

तुमने मेरी नींद चुराई लूट लिया मेरा चैन 

तुम बिन साजन तरस गए हैं मेरे प्यासे नैन

 

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