क्या किया जाए

खुशी से जो मिले उसमें गुजारा कर लिया जाए

मिली है जिंदगी तो फिर इसे खुलकर जिया जाए

 

सुना है इश्क़ में पड़कर सभी बर्बाद होते हैं

मुहब्बत हो गई उनसे बताओ क्या किया जाए

 

कहां तक रोक सकते हैं नदी की धार को आखिर

कि जाना चाहता है जो उसे जाने दिया जाए 

 

सकल संसार कायम है मुहब्बत और अक़ीदत पर

अगर ये है जहर तो भी इसे हसकर पिया जाए

— सनी सिंह

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