तुम जैसा भी कोई प्यारा क्या होगा,

मुझ जैसा भी सागर खारा क्या होगा।

हम दोनों ही दो नदियों की धारा हैं,

दो नदियों का एक किनारा क्या होगा।-

– साक्षी

One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *