सुनो
क़ैद कर दो मुझे
किसी पिंजरें में
और लटका दो मुझे
किसी एक कोने में
मैं नहीं देखना चाहतीं
इस दुनिया को
लोगों के नज़रिए से
बस सिमटकर रह जाना चाहतीं हूं
अपनी बनाई हुई दुनिया में
जिसमें सिर्फ मैं रहूं और सिर्फ मैं ही रहूं
अब मैं, ख़ुद ही ख़ुद में क़ैद हो जाना चाहती हूं।
नतीज़ा ये होगा की
दुनिया की सैर करने की ख़्वाहिश अधूरी रह जाएगी
उस ख़्वाहिश को पूरा करने के जद्दोजहद में
ये ज़िन्दगी कम पड़ जाएगी।
ख़ैर, “वो ख्वाहिश ही क्या जो पूरी हो जाएं”
ऐसे कथनों से ख़ुद को बहलाना चाहतीं हूं
ख़ुद ही खुद में क़ैद हो जाना चाहती हूं।
अगर मेरे प्रति कुछ करना चाहते हो तो
दे दो मुझे सुकून के कुछ पल
जिससे मेरी बची खुची ज़िन्दगी
बसर हो जाएं।
Viñi ✍️