ग़ज़ल

  • लिख रहा हूँ मैं ग़ज़ल में जिंदगानी आपकी
  • सारी बातें वो नई हों या पुरानी आपकी
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  • आप को नफरत है मुझसे मैं ये कैसे मान लूं
  • बात यह सुनना मैं चाहूँगा ज़ुबानी आपकी
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  • तोड़ कर रिश्ते पुराने चुन लिए रिश्ते नए
  • है रवायत अब भी कायम खानदानी आपकी
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  • होगा खुश रब्बे दो आलम रूह पाएगी सुकून
  • काम आ जाये किसी के यह जवानी आपकी
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  • ज़िन्दगी का क्या भरोसा आज है कल हो न हो
  • है ये मेहमां चार दिन की जिंदगानी आपकी
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  • मुन्तजिर हैं आपकी रहमत के हम सब देखिये
  • कर रहे हैं रात दिन हम नात ख्वानी आपकी
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  • आपका मिलना बिछड़ना रूठना हँसना कलीम
  • पढ़ रहा हूँ इन दिनों मैं इक कहानी आपकी

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