पूछता रह गया आपकी मैं रज़ा
आप तो राज दिल का बताते नहीं
आपसे दिल लगाने को बैठें हैं हम
आप हैं की कहीं दिल लगाते नहीं
जिन्दगी यूं अकेले गुजरती नही
साथ देने को इक हमसफ़र चाहिए
आपकी मांग भर दूं मैं सिंदूर से
आपका साथ तो उम्र भर चाहिए
गीत लिखता रहा आपकी याद में
आप हैं की उसे गुनगुनाते नहीं
प्रेम का भाव दिल में छिपा ना सका
आपको लाख चाहा, नहीं पा सका
जिन्दगी से दफा आप करते रहे
बेहया बन गया मैं, नहीं जा सका
आपको प्रेम दिखता मेरी आँखों में
पर नजर आप हमसे मिलाते नहीं
आपसे दूर जाना नहीं चाहता
दर्द के गीत गाना नहीं चाहता
बस खुशी दूंगा मैं उम्र भर आपको
आपको मैं सताना नहीं चाहता
दिल धड़कता है बस आपके नाम से
आप आवाज सुनकर भी आते नहीं
— सनी सिंह