तन्हाइयों में आप अकेले नहीं होते
तन्हा ज़रा सा धूप में चल कर तो देखिए
होगा प्रकाश ऐसा जो जग करे रोशन
एक बार जरा सूर्य सा जलकर तो देखिए
हो जाओगे भगवान के ये बात मान लो
फूलों से कभी बाग में खिलकर तो देखिए
दर्द देखना है जो तुमको गरीब का
एक रोज घर में उसके रहकर तो देखिए
– भारत मौर्या