** गीत ***
तुमसे पहले भी हमको मिले थे कई
पर किसी ने भी इतना सताया नहीं।
मुझे पे तुमने किए थे मोहब्बत में जो
सख्त जुल्मों को अब तक भुलाया नहीं।
तुमसे पहले भी हमको……………….।
घात पर घात तुम हमसे करते रहे
कोई इल्ज़ाम तुम पर लगाए नहीं।
ज़ख्म ऐसे ही नासूर बनते गए
हमने जख्मों पे मरहम लगाए नहीं।
दर्द सहकर भी हम बस तुम्हारे रहे
तुमने खुद को हमारा बनाया नहीं।
मेरी दीवानगी के है चर्चे किए
तुमने अपना क्यों किस्सा सुनाया नहीं।
तुमसे पहले भी हमको………………।
जान जाते की झूठे हो हमराह तुम
छोड़ देते सफर को अधूरा ही हम।
मंजिलों तक न पहुंचे कोई गम नहीं
रास्तों से जो सीखा नहीं है वो कम।
उम्र भर साथ चलने का वादा किया
तुमने वादों को अपने निभाया नहीं।
मैं गलत हूं सभी ने बताया तुम्हें
तुम सही हो किसी ने बताया नहीं।
तुमसे पहले भी हमको…………..।
– भारत मौर्या