नया सवेरा

मंज़िलों की राह में कांटे मिलेंगे,

हौसले बुलंद हों तो फूल खिलेंगे।

रुकना नहीं, बढ़ते ही जाना,

हर अंधेरी रात के बाद नए सवेरे मिलेंगे।

           

                               – Krish Maurya

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