आसान नहीं होगा, खुद से
ज्यादा प्रेमिका से करना होगा..
बिना उम्मीद के बेउम्मीद
किसी और को चाहना होगा
खुद से भी ज्यादा, तुम्हें
प्रेमिका पर मरना होगा….
प्रेम करना है, प्रेमी बनना है
ज्यादा कुछ नहीं करना होगा
बस टूटकर किसी और को चाहना होगा..
खुशियों को अपने बाँटना होगा
गमों के सहारे जीवन जीना होगा..
कर सकोगे क्या तुम
खुद को फ़ना, प्रेमिका के लिए
समर्पित कर सकोगे खुद को
गर कर सकते हो समर्पण
फिर तुम भी हो प्रेमी।
~अभिषेक सिंह अभि
मुजफ्फरपुर (बिहार )