सागर है यह संसार मुझे तरना है
कर कृपा करो उद्धार मुझे तरना है
मेरे अवगुण क्षमा करो मैं हूं मूरख अज्ञानी
दुनिया की ठोकर खाके तेरे दर की राह पहचानी
मैं आया हूं तेरे द्वार मुझे तरना है
कर कृपा करो उद्धार मुझे तरना है
चरणों में तेरे बैठा हूं बस इक आस लगाए
इक हसरत मेरी दूर करो ये जन्म सफल हो जाए
दर्शन दे दो इक बार मुझे तरना है
कर कृपा करो उद्धार मुझे तरना है
अंतिम यही आरजू मेरी पूरी इसे कर देना
वर्षों बीते दुख हि उठाते अब न परीक्षा लेना
प्रभु करना न इनकार मुझे तरना है
- कर कृपा करो उद्धार मुझे तरना है