वो ममता की एक नदिया सी,
और में उसका किनारा हूं
सबको लगता गलत हूं पर,
मैं उसका बहुत दुलारा हूं
दुख मुझको कोई भी हो तो,
आंखें वो छलकाती है
जीवन के पथ पर भटकू तो,
वो राह सही दिखलाती है
मन करता है उसको अपना,
जीवन अर्पण कर जाऊं
उसकी खातिर मैं अपने,
ख्वाबों का तर्पण कर जाऊं
वो मेरी मां है दुनिया मेरी,
मैं उसका जीवन सारा हूं
अच्छा बुरा मैं जैसा भी हूं,
उसकी आंख का तारा हूं
– भारत मौर्या
बहुत सुंदर 👏