लड़के रोते हैं

जब दुनिया कहे लड़के से

लड़के रोते नहीं

ज़ब लड़के खुद कहे लडके से

लड़के रोते नहीं

तब हे स्त्री तुम थामना किसी लड़के का हाथ

कहना उस से लड़के भी रोते हैं।

तुम कंधा देना उसे रोने के लिए

उसे प्यार से गले लगाना और 

कहना तुम स्त्री के सामने

जितनी मर्ज़ी आँसू बहाओ

मैं तुम्हे कायर नहीं समझूंगी

न ही कमजोर

उसे हिम्मत देना दुनिया के सामने रोने का

अपनी आपबीती बताने का

हे स्त्री तुम रचयिता हो इस सृष्टि की

किसी को टूट कर बिखरने से बचाना

और कहना किसी पुरुष से 

जब मन करे

जितना मन करे

तब आँसू जरूर बहाना।।

~उज्ज्वल वाणी 

 

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