सबक सफर की

कितने अच्छे कितने सच्चे कितने भोले भाले लोग,
साफ हैं चेहरे पर होते है दिल से बेहद काले लोग ।

आज तुम्हे लगता है जिनसे तुमको खुशियां लाख मिलेंगी ,
वही दर्द का तोहफा देकर हो जाते मतवाले लोग ।।

भ्रम में जीना टूटेगा ही साथ में सब कुछ जाएगा,
तब तुमको तेरा ही जीवन तुझसे तुझे मिलाएगा ।।

अगर नहीं हुए तुम खुद के ,झूठे रिश्ते ले डूबेंगे ,
आज जिन्हें तुम जान से प्यारे वही तुम्ही से ऊबेंगे ।।

छूट जाएगा समय हाथ से संभले नहीं संभाले लोग,
साफ है चेहरे पर होते हैं दिल से बेहद काले लोग ।।

आशाओं का पुल बांधकर मीठी बात में फंसने वाले,
जिनकी झांसे में जीते हो यही एक दिन डसने वाले ।।

आज समय है जीवन में कुछ करने और संवरने का ,
वरना सबको पता मौत का आखिर एक दिन मरने का।।

अगर समय पर खुद का जीवन तुमने ही मुकरा दिया है,
तुम जैसे लोगों को ही फिर इस दुनिया ने ठुकरा दिया है।

जिन लोगों में समय दिया वो काम न आने वाले लोग,
ये होते है अपने पर ये होते पावं के छाले लोग ।।

तुमको अपने प्यार का झांसा इसकदर रो रोकर देंगे,
समय समय पर काटें जैसे चुभेंगे तुमको ठोकर देंगे ।।

किसी की मीठी बातों में छले जायेंगे सारे सपने,
तेरे हाथ में कुछ न होगा तुम ही सब कुछ हारे अपने ।।

नहीं आएगा काम कोई कितने हों दिलवाले लोग,
पाई पाई में बिक जाते है घट-घट के घोटाले लोग।।

तू ठहरा है सीधा सादा ये दुनिया के घुंघराले लोग ,
साफ हैं चेहरे पर होते हैं दिल से बेहद काले लोग।।

जहां रोशनी होती है सब वही बसेरा करते है ,
किसी अंधेरे से जीवन में करते नहीं उजाले लोग ।।

कितने अच्छे कितने सच्चे कितने भोले भाले लोग ,
साफ हैं चेहरे पर होते हैं दिल से बेहद काले लोग ।।

✍🏻पार्थ तिवारी ( विशाल )

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