Kya Hai Mere Pass

**क्या है मेरे पास**

 

 

मेरे जिंदगी में जो लम्हे जी रहा हु,

वो हर जिया हुआ लम्हा उसके लिए है।

 

ख्वाब है वो तो ख्वाब ही सही,

मेरा देखा हर एक सपना उसके लिए है।

 

उगाया है दिल में एक प्यार का बगीचा,

उस बगीचे का हर एक फूल उसके लिए है।

 

मिलता है मुझे खुदा की इनायत से सब कुछ,

मगर मेरे हिस्से का खुदा भी उसके लिए है।

 

मोहब्बत नहीं है मेरा आधा बदन है,

मेरे जिस्म का हर एक जख्म उसके लिए है।

 

शायराना अंदाज जो हुआ है हासिल,

ये अंदाज-ए-बयान उसके लिए है।

 

ना बात करो मेरी तबियत की तुम साकी,

मेरे खून का हर एक कतरा उसके लिए है।

 

उसके वजूद-ए-ज़न का कुछ ठिकाना नहीं,

मगर मेरे वजूद की हर सास उसके लिए है।

 

दस्ता-ए-जिंदगी शायद खत्म होने वाली है,

इस दस्ता का हर अफसाना उसके लिए है।

 

क्या बचा है मेरे पास अब जरा बताओ,

मेरा सब कुछ जो है ना है सिर्फ उसके लिए है।

 

 

                      ~Radheshwar

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