भावना
बिल्कुल सहज, सरल, निःस्वार्थ,
निश्छल, कोमल ह्रदय से सुसज्जित
प्रेम, दया, श्रद्धा की बहने वाली नदी….
एक सवाल मेरे ज़हन में हमेशा घूमती रहती हैं
दरिया जज़्बात का उमड़ता तो बहुत है,
पर भावनाओं में आज-कल इतना बहता कौन है ?
Viñi 🙂 ✍️
भावना
बिल्कुल सहज, सरल, निःस्वार्थ,
निश्छल, कोमल ह्रदय से सुसज्जित
प्रेम, दया, श्रद्धा की बहने वाली नदी….
एक सवाल मेरे ज़हन में हमेशा घूमती रहती हैं
दरिया जज़्बात का उमड़ता तो बहुत है,
पर भावनाओं में आज-कल इतना बहता कौन है ?
Viñi 🙂 ✍️
जिस दिन तुम खुद को पहचान लोगे, उस दिन तुम्हारी दुनिया बदल जाएगी।
रवींद्रनाथ ठाकुर
यह मंच विशेष रूप से हिंदी कवियों और लेखकों के लिए बनाया गया है, ताकि वे अपनी रचनात्मकता को दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकें और अपनी रचनाओं पर अधिकार का दावा कर सकें। हम समझते हैं कि सुंदर कविताएं लिखने में कितनी मेहनत और समर्पण लगता है, और इसी कारण हम आपको एक सुरक्षित जगह प्रदान कर रहे हैं, जहां आपकी रचनाएं चमकेंगी और सही प्रशंसकों तक पहुंचेंगी।
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