अकेलापन

हवा की मार से जब जिस्म थरथराओगे करोगे याद जब खुद को अकेला पाओग

 

तुम्हें एहसास होगा जब हमारा प्यार क्या था चिता पर दौड़ कर आँसू बहाने आओगे

मैं वो एहसास हूँ हर साँस में तब्दील हूँ 

तुम्हें चुभता हूँ हरदम पाँव की मैं कील हूँ तुम्हें समझा तुम्हें चाहा हमारी भूल थी ये इसी को सोचकर सीसे सा टूट जाओगे  

तुम्हें एहसास होगा जब हमारा प्यार क्या था

चिता पर दौड़ कर आँसू बहाने आओगे

 

मैं था पत्ता हवा का जोर सह पाया नहीं तुम्हारे बिन अकेला आज राह पाया नहीं तुम्हारे हाँथ से बिखरूंगा देख लेना तुम 

ज़मी से जब हमारी राख को उठाओगे 

तुम्हें एहसास होगा जब हमारा प्यार क्या था

चिता पर दौड़ कर आँसू बहाने आओगे

 

कहानी है हकीकत ये जुबाँ पे आज मेरे 

मुझे घेरे है लाखों मौत के साये घनेरे 

तुम्हें लिखता रहा ताउम्र ये एहसान तेरा कभी जब डायरी से गीत गुनगुनाओगे 

तुम्हें एहसास होगा जब हमारा प्यार क्या था चिता पर दौड़ कर आँसू बहाने आओगे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *